नज़र आयी

By Leave a comment
नज़र आयी

नज़र आयी

चश्मों को चश्मों के झरोंखे से देखा
तो भी तुम ही नज़र आयी
हर चेहरा तुम्हारे जैसा दिखा हर चीज़ तुम जैसी नज़र आयी
लगा की चश्में में कुछ दोष है शायद, झाड़ा पोंछा फिर से देखा
बदलाव नहीं था कोई
आँखों में बस गयी हो तुम, तुम्हारी चाहत फिर नज़र आयी

Leave a Reply