एहसास को जीने दो (ehsaas ko jeene do)
Hindi Poem तुम्हारे सारे गम और सारी ख़ुशियों का पिटारा हूँ मैं, साँस आती हो या जाती हो वो एहसास सिमट के गुनगुनाते हैं। In
Hindi Poem तुम्हारे सारे गम और सारी ख़ुशियों का पिटारा हूँ मैं, साँस आती हो या जाती हो वो एहसास सिमट के गुनगुनाते हैं। In
छोटे हाथों से बनता है वो कहानी अपनी। रोज़ देखता है वो आसमानों में, जाने कब उसकी दुआ ख़ुदा तक जाएगी। In Hindi सर्द हवा
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