पर लगी आंखें

By Leave a comment
पर लगी आंखों से तुमको बरसते देखा है

पर लगी आंखें

पर लगी आंखों से तुमको बरसते देखा है
बूँद-दर-बूँद खुद को भी बहकते देखा है
हवा में खुशबू भरी रहती है तेरे होने से
ग़मों को खुशियों में भी पिघलते देखा है
हमने देखा है अहसासों को भी उड़ते हुए

Leave a Reply