daraj mein By Tejas October 8, 2018 Leave a comment दराज़ में पड़े कुछ पुराने ख़त कुछ आदतन किये तुम्हारे वादे कुछ सुखी पंखुड़ियाँ ग़ुलाबों की रात भर करवटें बदलते हैं दराज़ में पड़े कुछ पुराने ख़त कुछ आदतन किये तुम्हारे वादे कुछ सुखी पंखुड़ियाँ ग़ुलाबों की रात भर करवटें बदलते हैं Leave a Reply Cancel reply
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