वो औरत
मैंने देखा है उसे पतंग सा उड़ते हुए उसके भोलेपन से हवा को भी महकते हुए मैंने देखा है उसे भौरों की तरह घर में
मैंने देखा है उसे पतंग सा उड़ते हुए उसके भोलेपन से हवा को भी महकते हुए मैंने देखा है उसे भौरों की तरह घर में
Hindi Poetry/Quotes/Status तुमसे नाराज़ होने और खुद से नाराज़ होने में फ़र्क ही नहीं, कैसी छोटी सी बात पे उस दिन लड़ पड़े थे हम।
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