भूत
“उल्लू बनाने के लिए, कोई नहीं मिला तुमको। जाओ किसी और से बोलो, तुम जैसे भिखारिओं से तो मैं बात भी नहीं करता। नया-नया रैकेट
“उल्लू बनाने के लिए, कोई नहीं मिला तुमको। जाओ किसी और से बोलो, तुम जैसे भिखारिओं से तो मैं बात भी नहीं करता। नया-नया रैकेट
कुछ जानी, कुछ पहचानी, एक अनबूझ सी कहानी। कुछ नहीं से कुछ होने की कहानी। अंधेरों के रौशनी में डूबने की कहानी। कहानी वो जिसमें
तुम देश के पहरेदार बनकर हमको सुकून देते हो, और तुम्हारी वो छोटी कहानियाँ जो ज़मा-पूंजी है तुम्हारी हमको तुमपे नाज़ बहुत होता है। In
A Hindi short story of a boy and his dog, their unimaginable love with a life lesson. छोटा था मैं , यही कोई पाँच साल
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