टूटते हिस्से
कल से बीमार खटिये पे पड़ी है माँ छोटू भी बेचारा कल से भूखा है जो पिछले महीने भेजे थे वो खर्च हो गए राशन
कल से बीमार खटिये पे पड़ी है माँ छोटू भी बेचारा कल से भूखा है जो पिछले महीने भेजे थे वो खर्च हो गए राशन
आज लॉक डाउन ३ की शुरुआत, मैं कुछ ज़रूरी खाने का सामान लेने बाहर सड़क पे निकला ही था कि जन समूह ने घेर लिया
Hindi Poetry/Quotes/Status कितने बँट गए हैं हम, कभी ख़ुदा के नाम पे, कभी मज़हब के नाम पे, कभी संस्कृती के नाम पे, कभी खाने के
Hindi Poetry/Quotes/Status नींद का सौदा तुम्हारी यादों से हो गया। यादें तो पास में हैं गूंजती नींद तुम ले चली गयी। In Hindi दराज़ में
Hindi Poetry/Quotes/Status चुप है ये आकाश ये धरती भी चुप है बस इंतज़ार है … In Hindi गोधुली सी शाम की तनहा चमकती रौशनी रोपी
Hindi Poetry/Quotes/Status साँस अटकी हुई थी सीने में, तुमने रस्ते बदल लिए थे अपने जीने के। हम अकेले ही जिये जायेंगे न कहानी न परवाज़
Hindi Poetry एक ऐसा कवि जो कभी विचलित न हुआ हो, जिसको भय न हो मृत्यु का न मोह हो इस जीवन का। जिसका जीवन
Hindi Poetry/Quotes/Status कुछ छुपा के लाया हूँ मैं इन आँखों में, कुछ एहसास के कतरे कुछ सर्द हवाओं के किस्से। कुछ ऐसे भी थे जो
Hindi Poem तुम्हारे सारे गम और सारी ख़ुशियों का पिटारा हूँ मैं, साँस आती हो या जाती हो वो एहसास सिमट के गुनगुनाते हैं। In
कितने किस्से समेटे बैठे हैं ये पेड़, डर में घुटते क्यों रहते हैं ये पेड़। In Hindi माथे पे नमकीन बरसात और गला सूखा पड़ा
छोटे हाथों से बनता है वो कहानी अपनी। रोज़ देखता है वो आसमानों में, जाने कब उसकी दुआ ख़ुदा तक जाएगी। In Hindi सर्द हवा
ख़ौफ़ हो गया है अब कभी यहीं इसी गुलशन में तुम्हारा हाँथ हांथों में लिए घूमा करता था। In Hindi तेरा हाँथ थामे इसी मंजरे-रक़्स
क्यों मुड़ के नहीं देखती मुझको, आँखें अब भी इंतज़ार करती हैं। In Hindi तुमको देखता हूँ मैं निःशब्द सपनो में छू के गूँजती हैं
माँ तुम फिर से पुकारो न मुझे, बहुत डर लगता है जीने में अब भी। In Hindi पुराने पीपल पे खेलते चढ़ जाते थे हम
इंतज़ार अब भी बाकी है, निगाहें अब भी तुमको तकती हैं। In Hindi जहाँ नीम के पेड़ में चाँद अटका पड़ा था पास वाले बाग़
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