भूली भटकी सी एक कहानी
तुम देश के पहरेदार बनकर हमको सुकून देते हो, और तुम्हारी वो छोटी कहानियाँ जो ज़मा-पूंजी है तुम्हारी हमको तुमपे नाज़ बहुत होता है। In
तुम देश के पहरेदार बनकर हमको सुकून देते हो, और तुम्हारी वो छोटी कहानियाँ जो ज़मा-पूंजी है तुम्हारी हमको तुमपे नाज़ बहुत होता है। In
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