टूटते हिस्से By Tejas May 16, 2020 कविता, हिंदी कल से बीमार खटिये पे पड़ी है माँ छोटू भी बेचारा कल से भूखा है जो पिछले महीने भेजे थे वो खर्च हो गए राशन
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