एक प्याली धूप (Ek pyali dhoop)
Hindi Poem माँ, शब्द नहीं वाक्य है खुद में। क्या कुछ नहीं करती, खुद खुदा के जैसी और बच्चों में ढूंढती है ख़ुदा। माँ, शब्द
Hindi Poem माँ, शब्द नहीं वाक्य है खुद में। क्या कुछ नहीं करती, खुद खुदा के जैसी और बच्चों में ढूंढती है ख़ुदा। माँ, शब्द
माँ तुम फिर से पुकारो न मुझे, बहुत डर लगता है जीने में अब भी। In Hindi पुराने पीपल पे खेलते चढ़ जाते थे हम
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