टूटते हिस्से
कल से बीमार खटिये पे पड़ी है माँ छोटू भी बेचारा कल से भूखा है जो पिछले महीने भेजे थे वो खर्च हो गए राशन
कल से बीमार खटिये पे पड़ी है माँ छोटू भी बेचारा कल से भूखा है जो पिछले महीने भेजे थे वो खर्च हो गए राशन
मैंने देखा है उसे पतंग सा उड़ते हुए उसके भोलेपन से हवा को भी महकते हुए मैंने देखा है उसे भौरों की तरह घर में
Hindi Poetry/Quotes/Status तुमको लेकर कितने किस्से बुन रखे हैं मैंने आने वाले कल के लिये। इक उजली तस्वीर का हम दोनों हिस्सा हैं। In Hindi
Hindi Poetry/Quotes/Status ज़िंदगी दौड़ती फिरती है बस, थोड़ा सांस ले तो मैं भी कुछ कहूँ उससे। In Hindi कैसी रूखी सड़क है ये, न कोई
Hindi Poetry/Quotes/Status तुमसे मिलना ऐसा लगता है जैसे खुद से मिलना। अपनी कहानी अपनी ही जबानी सुनना। In Hindi रात भर शबनम बरसी आँखों से
Hindi Poetry एक ऐसा कवि जो कभी विचलित न हुआ हो, जिसको भय न हो मृत्यु का न मोह हो इस जीवन का। जिसका जीवन
Hindi Poetry/Quotes/Status आज़ादी बड़ी मुश्किल से मिला नायब हीरा है। कभी हमको लड़ाकर कोई छीन ले गया था। अब ये हमपे है कि इतनी मुश्किल
Hindi Poetry/Quotes/Status कुछ छुपा के लाया हूँ मैं इन आँखों में, कुछ एहसास के कतरे कुछ सर्द हवाओं के किस्से। कुछ ऐसे भी थे जो
Hindi Poetry/Quotes/Status दूरियों में बंधा इंतज़ार बुनता हूँ, रोज़ मैं कुछ नए क़िरदार चुनता हूँ। In Hindi तलाश अभी बाकी है अधूरी कहानी की, फ़िर
Hindi Poetry/Quotes/Status तुझ जैसा दोस्त ढूंढें से भी मिलता नहीं। तू ख़ुदा तो नहीं पर उसके जैसा ही है। In Hindi मैं दिल में सोचता
Hindi Poem तुम्हारे सारे गम और सारी ख़ुशियों का पिटारा हूँ मैं, साँस आती हो या जाती हो वो एहसास सिमट के गुनगुनाते हैं। In
Hindi Poetry/Quotes/Status रोज थोड़ा सा कितना जानती हो तुम मुझको, शायद मैं भी नहीं जानता। In Hindi क़िताबों की तरह पढ़ती रही तुम रोज़ थोड़ा
Hindi Poem माँ, शब्द नहीं वाक्य है खुद में। क्या कुछ नहीं करती, खुद खुदा के जैसी और बच्चों में ढूंढती है ख़ुदा। माँ, शब्द
कितने किस्से समेटे बैठे हैं ये पेड़, डर में घुटते क्यों रहते हैं ये पेड़। In Hindi माथे पे नमकीन बरसात और गला सूखा पड़ा
हम एक ही तो हैं धागे के छोर जैसे, बस थोड़ा दूर धागे जैसे जिसपे हमारी सारी कहानी है। In Hindi धागे का एक सिरा
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