एहसास को जीने दो (ehsaas ko jeene do)
Hindi Poem तुम्हारे सारे गम और सारी ख़ुशियों का पिटारा हूँ मैं, साँस आती हो या जाती हो वो एहसास सिमट के गुनगुनाते हैं। In
Hindi Poem तुम्हारे सारे गम और सारी ख़ुशियों का पिटारा हूँ मैं, साँस आती हो या जाती हो वो एहसास सिमट के गुनगुनाते हैं। In
एक अनजाना सुकून है तुम्हारी बातों में, बिलकुल बारिश जैसा। तभी तो जो मेरे पास बारिश तुम्हारे लफ़्ज़ों से आती है In Hindi तुमको घंटो
क्यों मुड़ के नहीं देखती मुझको, आँखें अब भी इंतज़ार करती हैं। In Hindi तुमको देखता हूँ मैं निःशब्द सपनो में छू के गूँजती हैं
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