वहीं पे खड़ा हूँ
इंतज़ार अब भी बाकी है, निगाहें अब भी तुमको तकती हैं। In Hindi जहाँ नीम के पेड़ में चाँद अटका पड़ा था पास वाले बाग़
इंतज़ार अब भी बाकी है, निगाहें अब भी तुमको तकती हैं। In Hindi जहाँ नीम के पेड़ में चाँद अटका पड़ा था पास वाले बाग़
तुमको कैसे बताऊँ कि तुम क्या हो मेरे लिए। In Hindi वक़्त से पिघले हुए लम्हें की तरह तुम मेरी रूह में भटकती हो वक़्त
तुम देश के पहरेदार बनकर हमको सुकून देते हो, और तुम्हारी वो छोटी कहानियाँ जो ज़मा-पूंजी है तुम्हारी हमको तुमपे नाज़ बहुत होता है। In
कुछ भी कर सकता हूँ मैं तुम्हारे लिये, चाहे एक नया चाँद ही बनाना हो। In Hindi उस रोज़ मेरे वीराने में जब मिलने आयी
ज़िन्दगी का लम्बा सफर तुम्हारे साथ इतना छोटा क्यों लगता है? In Hindi मेरे पाने तुम्हारे खोने में कहानी यूँ बयां होगी ये नहीं जानते
कुछ दूरियाँ बन गयीं या बना लीं, पर अब उन दूरियों में ही ये खाली ज़िन्दगी दौड़ती है। In Hindi एक ख्वाब फ़लक पे बोया
समेट के रखा है तुमको लबों पे मेरे, कहीं पढ़ा न ले कोई कहानी हमारी In Hindi वक़्त की खामोश निग़ाहों से परे तुमको गुमनाम
तुम्हारी साँसों की महक से ज़िन्दगी बंधी है मेरी, अब घुटन तकलीफ़ देती है। In Hindi मेरे गुमनाम घर में मुझसा ही बसता है कोई
दर्द वो जो किताबें बयाँ नहीं कर सकती, और ऐसे ही कुछ दर्द जो हम बयाँ नहीं कर पाते। शायद इसलिये कि कोई सुनने वाला
वो बातें जो तुमसे कभी कह नहीं पाया, अंदर तक चोट देके जातीं हैं। In Hindi जो तुमको सुनानी थी हमने कभी सुनायी नहीं दास्ताँ
A Hindi short story of a boy and books in his library, friendship and their unimaginable love. मेरे घर में एक छोटी सी लाइब्रेरी है,
A Hindi short story of a boy and his dog, their unimaginable love with a life lesson. छोटा था मैं , यही कोई पाँच साल
इक रिश्ता बन गया है मेरा तुमसे, वो बारिश जो मुझे सुकून देती है, जिसको गुनगुनाता हूँ मैं। वो बारिश मुझ तक तुम्हारे लफ़्ज़ों से
इक उम्मीद की कहानी जो बैठा गुनगुनाता हूँ। कभी मैं याद करता हूँ, कभी तुम याद आती हो। डर और उम्मीद की कहानी मेरी जुबानी।
एक छोटी कहानी का छोटा सफ़र। तुम्हारा सफर, हमारा सफर। तुम्हारी खुशबू से तुम्हारा मेरे पास होने का सफ़र। In Hindi तुम रोज़ मेरे साथ
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