टूटते हिस्से

कल से बीमार खटिये पे पड़ी है माँ छोटू भी बेचारा कल से भूखा है जो पिछले महीने भेजे थे वो खर्च हो गए राशन

वो औरत

मैंने देखा है उसे पतंग सा उड़ते हुए उसके भोलेपन से हवा को भी महकते हुए मैंने देखा है उसे भौरों की तरह घर में

कुछ तेरे लफ्ज़

कुछ तेरे लफ्ज़ कुछ अलग सा ही रिश्ता है मेरा तुमसे। कितना तुममे हूँ मैं और कितना मुझमें तुम, फर्क मुश्किल है। कुछ तेरे लफ्ज़

छोटी सी बात

By कविता, हिंदी

Hindi Poetry/Quotes/Status तुमसे नाराज़ होने और खुद से नाराज़ होने में फ़र्क ही नहीं, कैसी छोटी सी बात पे उस दिन लड़ पड़े थे हम।

पर लगी आंखें

By कविता, हिंदी

Hindi Poetry/Quotes/Status तेरा एहसास भी मुझे हवा में उडा ले चलता है, दुनिया अलग ही हसीन दिखती है बस तेरे होने से। In Hindi पर

नई ख्वाइशें

By कविता, हिंदी

Hindi Poetry/Quotes/Status तुम और तुम्हारी छाओं का सरमाया । In Hindi जो छाओं तुमसे मिली तो जीने लगा हूँ मैं अब धूप में जाने से

नज़र आयी

By कविता, हिंदी

Hindi Poetry/Quotes/Status तुम ही तुम दिखती हो यहाँ से वहां तक। In Hindi चश्मों को चश्मों के झरोंखे से देखा तो भी तुम ही नज़र

गोधुली सी शाम

By कविता, हिंदी

Hindi Poetry/Quotes/Status चुप है ये आकाश ये धरती भी चुप है बस इंतज़ार है … In Hindi गोधुली सी शाम की तनहा चमकती रौशनी रोपी

एक शाम भीनी सी

By कविता, हिंदी

Hindi Poetry/Quotes/Status तुम्हारी आदतें हैं या कहूँ एक शाम भीनी सी । In Hindi ख़यालों में सोचते-सोचते बिन कहे मुस्कुरा देना ग़मों की भीड़ में

चंद साँसें

By कविता, हिंदी

Hindi Poetry/Quotes/Status साँस अटकी हुई थी सीने में, तुमने रस्ते बदल लिए थे अपने जीने के। हम अकेले ही जिये जायेंगे न कहानी न परवाज़