हम तो सभी इंसान

Hindi Poetry/Quotes/Status
कितने बँट गए हैं हम, कभी ख़ुदा के नाम पे, कभी मज़हब के नाम पे, कभी संस्कृती के नाम पे, कभी खाने के नाम पे। जाने कौन बांटता है हमे पर कितने बँट गए हैं हम।
In Hindi
कभी ईसा, कभी मूसा तो कभी राम में बंटे
कभी गिरजे, कभी मंदिर कभी अज़ान में बंटे
वो कौन सी घड़ी थी शैतान के तस्दीक़ की
हम तो सभी इंसान थे क्यों शैतान में बंटे
In English
Kabhi isa, kabhi musa to kabhi ram mein bantein
Kabhi girje, kabhi mandir kabhi ajan mein bantein
Wo kaun si ghadi thi shaitan ke tasdik ki
Hum to sabhi insan the kyon shaitan mein bantein
Dr.Balaram Parmar
जब तक बटोगे तब तक धर्म का मर्म नहीं जान पाओगे ।
धर्म में बंटे जाति में बंटे भाषा प्रातं बंटे ,जुड़ ना पाओगे ।।
सब जानता है इंसान खाली हाथ आया और खाली जाएगा ।
फिर भी जाति धर्म भाषा प्रातं के नाम नफ़रत फेलाएगा ।।
जब से अपने अपने देवालय में बैठा दिए हैं अपने अपने भगवान ।
तब से अपना पराया मान कर अपने अपनों को बांटने लगा इंसान ।।
डॉ बालाराम परमार प्राचार्य केन्द्रीय विद्यालय चनैनी, ऊधमपुर जम्मू और कश्मीर