वो युगपुरुष थे कवि अटल थे

Hindi Poetry

एक ऐसा कवि जो कभी विचलित न हुआ हो, जिसको भय न हो मृत्यु का न मोह हो इस जीवन का। जिसका जीवन देश के लिये रहा। ऐसे अटल कवी को मेरा नमन है।

In Hindi

उनकी अवलोकित अटल पंक्तियों के गर्जन से द्वेलित हम थे
एक अटल सत्य की अटल कहानी बयां हुई जब अटल यहीं थे
जब थर्राते भयभीत खड़े हम उस अटल मृत्यु की आहट से
उस अटल सत्य में अटल मिले वो युगपुरुष थे कवि अटल थे

In English

Unki avlokit atal panktiyon ke garzan se dwelit hum the
ek atal satya ki atal kahani bayan hui jab atal yahin the
jab tharrate bhaybhit khade hum us atal mrityu ki aahat se
us atal satya mein atal mile wo yugpurush the kavi atal the

अटल जी आपकी कवितायेँ शब्दों में बनी चाँद पंक्तियाँ नहीं थीं बल्कि जीवन को देखने का एक नजरिया थीं हमेशा। उनमें से कुछ अटल पंक्तियाँ जो मुझे हमेशा एक नयी राह पे ले जाती हैं। कौन कहता है अब आप नहीं रहे। आप हमारे दिलों में अब भी ज़िंदा हो 

दिया जलाएं

भरी दुपहरी में अँधियारा
सूरज परछाईं से हरा
अंतरतन का नेह निचोड़ें
बुझी हुई बाटी सुलगाएँ
आओ फिर से दिया जलाएं।

गीत नया गता हूँ

टूटे हुए सपनो की कौन सुने सिसकी
अंतर को चीर व्यथा पलकों पर ठिठकी
हार नहीं मानूँगा
रार नहीं ठानूँगा
काल के कपल पे लिखता मिटाता हूँ
गीत नया गता हूँ।

कौरव कौन

कौरव कौन
कौन पांडव,
टेढ़ा सवाल है|
दोनों ओर शकुनि
का फैला
कूटजाल है|
धर्मराज ने छोड़ी नहीं
जुए की लत है|
हर पंचायत में
पांचाली
अपमानित है|
बिना कृष्ण के
आज
महाभारत होना है,
कोई राजा बने,
रंक को तो रोना है|

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