
एक कहानी एक रिश्ता
फिर मिले हाँथ उनके हाँथो से, मेरे उँगलियों के बीच की जगह भर दी।
Bargad Ka ped is just not a book it's a journey of life. Order your copy today and have a experience of a different life!
यादें
कुछ छोटी, कुछ बड़ी और कुछ उलझी कहानियाँ। सर्द यादें और यादों से महकता मैं।
गुमसुम
मैं गुमसुम हूँ पर उम्मीद बड़ी है तुमसे। चलो लिखते हैं न उस अनकही दास्ताँ को जो मेरे पाने तुम्हारे खोने में बयां होती है।
ये मैं हूँ या तुम हो
आइना देखता तो समझ नहीं आता की ये मैं हूँ या तुम हो। वो एक प्याली चाय, वो सुलगता चाँद, वो तुम्हारा मुस्कराना सफर के जैसा लगता है।

सोता शहर
उस सोते शहर के सजर में हम गुम हो गए जब लोगों ने हमारे इर्द गिर्द नए मायाजाल बुन दिए। उस सर्द रात में जब तुम वहीं थे मैं भी वहीँ था और खुदा भी वहीं।
नहीं पता
वक़्त से वक़्त को जोड़ना अच्छा लगता है क्या? नहीं न,फिर क्यों जोड़ते रहते हो इन टुकड़ो को, छोटी छोटी यादों को, रिश्तों को।
छोटू
मेरी ये छोटी कृतियाँ, जो मुझे बहुत अज़ीज़ हैं। सोचा की नाम क्या दूँ इन्हें और मुझे छोटू याद आया।

इश्क़ का परचम | Poetry | Tejas

तुम वहीं थे | Poetry | Tejas

जाओ तुम | Poetry | Tejas

बरगद का पेड़ | Teaser | Tejas

Tejas
वक़्त के फेर से फेरे लेकर कुछ लम्हें तलाशने निकला हूँ
कुछ धूप, कुछ छाओं ऐसी ही तो ज़िन्दगी है, बस एक तलाश के जैसी और हर तलाश रोज़ एक नयी कहानी। जिनका हाँथ थामे हम आहिस्ता-आहिस्ता आगे निकल पड़ते हैं। रूह महसूस करती है उन सभी खुशियों को थिरकती है उनके धुनों पे गुदगुदाती है।
वो हमारी ही तो रूहानियत है जो यादों के पिटारों को खंगालती है छूती है उनसे आने वाली हवा की धुन पे मचलती लहरों को, पर जाने क्यों हम गुमसुम हैं जाने किस मंजिल की तलाश है। शायद तुम्हारे आने का, शायद एक नयी कहानी का। ये मैं हूँ या तुम हो या एक तलाश।
इस सोते शहर में सुनसान रास्तों पे जुगनुओं को टिमटिमाते देखना, उस लैंप पोस्ट की रौशनी को महसूस करना, रूह को पता होगा शायद पर मुझे तो पता नहीं कभी बेख़ौफ़ महसूस नहीं कर पाया इनको। इन छोटू-छोटू यादों का इन छोटू कहानियों का किस्सा है बरगद का पेड़।
Bargad Ka ped is just not a book it's a journey of life. A memory, a story, a lesson...

What our readers have to say
This book is loved by readers like you. Here is some of the feedback we have received from our readers!
बहुत प्यारी कविताएँ हैं, धीरे धीरे पढ़ें जैसे बरगद का पेड़ बढ़ता है धीरे धीरे... जितना ऊपर उतना ही गहरा भी.
Soulful compositions. Had a great time reading the poetry. Each of the pieces manage to touch a chord with my childhood and boyhood heart.
यह किताब सिर्फ़ कविताओं का संग्रह नहीं है यह जज़्बातों का ऐसा पुलिंदा है जो आपके अंदर के अहसासों को ज़िन्दा कर आपकी सभी यादों को ताज़ा कर देता है और रूह को सुकून पहुँचाता है
It's not just a book but the journey of a poet that will touch the heart of people from all ages and all phases of life.
चंद साँसों की लड़ियाँ अटकी पड़ी थीं
अकेले तो हम बस कदम गिन रहे थे
सफ़र तो वहीं पे ख़तम हो गया था
जहाँ से तुम्हारे क़दम मुड़ गये थे।
Tejas
Everything starts with a first step. This book is my first step into the future with you!
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इस गोल घूमती दुनिया का इक अदना क़िरदार मैं भी हूँ।
थोड़े गुनहगार तुम भी हो और थोड़ा गुनहगार मैं भी हूँ।
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